अंकल ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर लेट गए और मेरे बूब्स और मेरे होंटो को चूसने लगे फिर उन्होंने अपना लोढ़ा मेरी छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया मैं मचलने लगी। उनका सुपाड़ा मेरी छोटी सी चूत के छेद पर रगड़ खा रहा था मेरा दिल चाह रहा था के पूरा अंदर ले लून भले हे मेरी छूट फट जाए फिर अंकल ने अपने लुंड का सुपाड़ा मेरी छूट पर टिकाया और धीरे धीरे प्रेस करने लगे बहुत टाइट फंस कर उनका सुपाड़ा मेरी छूट में लगभग एक इंच घुस गया मैं छटपटाने लगी अंकल ने मुझे पकड़ रहखा था मैं हिल भी नहीं पा रही थी मैंने कहा अंकल मुझे दर्द हो रहा है प्लीज छोड़ दो। वो कहने लगे आज के बाद कभी दर्द नहीं होगा सिर्फ मजा आएगा और धीरे धीरे करके उन्होंने पूरा ११ इंच का लोढ़ा मेरे छूट के अंदर उतार दिया और ऐसे हे मेरे ऊपर लेट गए थोड़ी देर के बाद उन्होंने धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया मुझे मजा आने लगा मैं भी अंकल का साथ देने लगी लेकिन अंदर जगह इतनी टाइट थी के ऐसा लग रहा था सब कुछ फटने वाला है . फिर अंकल ने जोर जोर से धक्के लगने शुरू कर दिए फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बन दिया और मेरी गांड को चाटने लगे और अपने हाथो से मेरी गांड को प्रेस करने लगे और मेरी छूट में लोढ़ा दाल दिया मुझे दर्द हुआ मैं एकदम से बीएड पर गिर पड़ी अंकल भी मेरे ऊपर हे लेट गए और ऐसे हे धक्के लगने लगे अब मैं उलटी लेती थी और अंकल मेरे ऊपर पीठ पर सवार थे। और फिर अंकल का गर्म वीर्य निकलने लगा अंकल की स्पीड तेज़ हो गयी और उन्होंने मेरी छूट को अपने गर्म वीर्य से भर दिया। और ऐसे हे मेरे ऊपर लेट गए फिर वो मेरे पास लेट गए थोड़ी देर हम ऐसे हे लेते रहे मैंने कहा अंकल आपने बहुत गलत kiya मेरे साथ अंकल ने कहा कुछ गलत नहीं है मेरी jaan sab theek hai .. और करीब एक घंटे बाद अंकल ka फिर खड़ा हो गया और वो फिर शुरू हो गए। और फिर ऐसे हे चलता रहा लगभग एक हफ्ते तक लेकिन वो मेरी गांड भी मारना चाहते थेय जब देखो मेरी गांड पर हे हाथ फिरते रहते थेय कभी मुझे अपनी गोद में बिठा लेते और उनका लुंड मेरी गांड के नीचे खड़ा हो जाता था कई बार तो कपड़ो के अंदर से हे मेरी गांड में घुसाने लगते थेय लेकिन मैं उन्हों मना कर देती थे फिर एक दिन। ...................................... continued
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